खामोश ख़लाओं से पूछ रहा हूँ
वीरान सहराओं से पूछ रहा हूँ
अधमरी जुस्तज़ू से पूछ रहा हूँ
तन्हाई के मुसल्सल रक्स से पूछ रहा हूँ
सुलगती बेकरारी से पूछ रहा हूँ
हर उन यादों से पूछ रहा हूँ
“क्यूँ करते हो इतना प्यार
मुझसे ?”
वो जो चली गई है
उसके साथ तुम सब भी चले जाते
तो अच्छा होता .....